प्रकृति ईश्वर की महत्वपूर्ण देन है। प्रकृति और मनुष्य आदिकाल से एक दूसरे पर निर्भर रहे हैं। मनुष्य प्रकृति की गोद में पला, बढ़ा और इसी पर निर्भर हो गया। आदिकाल से मनुष्य के जीवन में वन महत्वपूर्ण रहे हैं। परन्तु जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ वैसे-वैसे मनुष्य ने अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वृक्षों को काटना आरम्भ कर दिया। वनों की लगातार कटाई होती गई और वातावरण पर भी इसका काफी प्रभाव पड़ा।
आज हम जानेंगे वनों से होने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के बारे में।
आज हम जानेंगे वनों से होने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के बारे में।
वनों से होने वाले प्रत्यक्ष लाभ
1.लकड़ी की प्राप्ति
लकड़ी एक महत्वपूर्ण ईंधन है। वनों से हमें सागौन, साल, शीशम, चीड़, देवदार, आबनूस और चंदन आदि लकड़ियां मिलती है। लकड़ीयों से फर्नीचर भी बनाया जाता है।
2.जानवरों के लिए चारागाह
वन क्षेत्र एक उत्तम चारागाह स्थल है। वनों से जानवरों को खाने के लिए घास व पत्तियां मिलती है।
3.रोज़गार प्रप्ति
वनों से करोड़ों व्यक्तियों का रोज़गार जुड़ा हुआ है। वनों से प्राप्त लकड़ीयों और कुछ खास किस्म की लकड़ियों का क्रय-विक्रय करने से लोगों को रोजगार प्राप्ति होती है।
4.लघु उद्योगों में सहायक
वन लघु उद्योगों में काफी सहायक सिद्ध हुए हैं। वनों के कारण ही आज ना ना प्रकार के लघु उद्योगों में वृद्धि हुई है।
5.विदेशी मुद्रा की प्राप्ति
वनों से प्राप्त लाख, तारपीन का तेल, चंदन का तेल और लकड़ीयों से बनी कलात्मक वस्तुओं का निर्यात करने से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती है।
वनों से होने वालेे अप्रत्यक्ष लाभ
1.वर्षा में सहायक
वनों के वृक्ष बादलों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं, जिससे वर्षा होने के अवसर बढ़ जाते हैं।
2.प्रदूषण रोकने में सहायक
वन भूमि को बंजर होने से रोकते हैं और प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं। वनों के विकास के लिए सरकार ने 1950 में वन-महोत्सव का कार्यक्रम शुरू किया, परन्तु प्रेरणा के आभाव में यह मंद पड़ गया। सरकार ने वनों की कटाई पर रोक लगा दी, परन्तु हिमालय के क्षेत्रों में आज भी कटाई जारी है।
3.भूमि को उर्वरता में सहायक
वनों के वृक्षों के कारण ही बाढ़ आने की स्थिति में मिट्टी की ऊपरी सतह नहीं बह पाती। अर्थात् मिट्टी की उर्वरा शक्ति में कोई कमी नहीं आती है और मिट्टी उपजाऊ बानी रहती है।
4.रोग मुक्ति में सहायक
वन बहुत हद तक रोग मुक्ति में अपनी अहम भूमिका निभाते हैं। वनों से तरह-तरह की प्राकृतिक औषधियाँ मिलती है, जिसके सेवन से जटिल से जटिल रोगों का इलाज किया जा सकता है।
5.बाढ़ नियंत्रण में सहायक
वनों के वृक्ष अचानक आयी हुई बाढ़ और सुनामी को नियंत्रित करते हैं। वृक्ष बाढ़ के वेग को कम कर देते हैं जिससे बाढ़ से होने वाले आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है।
Thanks sir 👍
ReplyDeleteThank you
DeleteThanks sir 👍👍
DeleteTheek you
ReplyDeleteThanks sir 🙏
ReplyDeleteThanks
ReplyDelete